ग्वालियर।ग्वालियर मानसिक आरोग्यशाला में उपचार के बाद स्वस्थ हुए 100 से अधिक मरीजों को उनके परिजनों के पास पुलिस गार्ड के साथ भेजा जायेगा। इसके साथ ही ऐसे सभी मरीजों के जिला कलेक्टरों को भी पत्र लिखकर उनके अभिभावकों को सूचित करने तथा अपने परिजनों को ग्वालियर से ले जाने के संबंध में लिखा जायेगा। संभागीय आयुक्त श्री एम बी ओझा की अध्यक्षता में सोमवार को मानसिक आरोग्यशाला की प्रबंध समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
आरोग्यशाला प्रबंधन समिति की बैठक में अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए। बैठक में कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी, पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत भसीन, नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन, आरोग्यशाला की संचालक डॉ. ज्योति बिंदल सहित विभागीय अधिकारी और चिकित्सकगण उपस्थित थे।
संभाग आयुक्त श्री एम बी ओझा ने कहा कि मानसिक आरोग्यशाला को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए। इसके लिए आरोग्यशाला में उपलब्ध व्यवसायिक दुकानों को टेण्डरिंग करने के साथ-साथ मर्सी होम की 100 बीघा भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराए जाने के बाद उसका बेहतर उपयोग आर्थिक सक्षमता के लिए किया जाना चाहिए। संभाग आयुक्त ने बैठक के दौरान यह भी निर्देशित किया कि मानव अधिकार आयोग की ओर से जो अनुशंसाएं की गई हैं उन्हें समय-सीमा में लागू किया जाए। इसके साथ ही जिन अनुशंसाओं को लागू करने में परेशानी है उसका कारण सहित जवाब मानव अधिकार आयोग को भेजा जाए।
बैठक में मानसिक आरोग्यशाला के नवीन नामों के पैनल का अवलोकन करने के बाद नवीन नाम गवर्मेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हैल्थ एण्ड ह्यूमन बिहेवियर ग्वालियर रखे जाने की अनुशंसा की गई। इसका प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजा जायेगा। बैठक में मानसिक आरोग्यशाला में स्थित उद्यान को विकसित करने का कार्य नगर निगम के माध्यम से कराने का भी निर्णय लिया गया।
जिला कलेक्टरों को भी पत्र लिखकर उनके अभिभावकों को सूचित करने तथा अपने परिजनों को ग्वालियर से ले जाने के संबंध में लिखा जायेगा